देहदान की घोषणा करने वाले गोण्डा के सुधीर श्रीवास्तव ने पढ़ा "मंथरा"
"केकेई ही थी, जो राम को राजा राम नहीं, मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाने का, सारा ताना बाना बुनी"।
अयोध्या धाम:: माँ कमला परा विद्या शोध संस्थान (रजि.), अयोध्या द्वारा दिनांक 28 मई 2023, दिन रविवार को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री सीताराम जी की पावन जन्मभूमि श्री अयोध्या धाम में "मतङ्ग के राम" अखिल भारतीय कवि सम्मेलन,पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।
आयोजन प्रभारी डॉ आर. के मतंग के अनुसार कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित मुख्य अतिथि "मर्यादा पुरुषोत्तम श्री सीताराम जी" को बनाया गया।विशेष आमंत्रित अतिथियों में आ. महंत कमल नयन दास, महन्त राम स्वरूप दास, महन्त श्री मिथिलेश नंदिनी शरण, पद्मश्री डॉ विद्या विन्दु सिंह जी , महन्त श्री राम कुमार दास जी, श्री अरविंद मिश्रा जी (एडिशनल चीफ कमिश्नर इनकमटैक्स,उ प्र),श्री अरविंद मिश्रा जी (इनकम टैक्स ऑफिसर लखनऊ), श्री आर आर गुप्ता जी(उप जिलाधिकारी), अरुण कुमार दुबे जी(अभियोजन अधिकारी),श्री देवकान्त त्रिपाठी जी (सदस्य उपभोक्ता फोरम),श्री एच बी मौर्य जी(डी आर एम ग्रामीण बैंक), श्री राम सूरत मौर्य जी(जिला परियोजना अधिकारी) श्री मनमोहन मिश्रा जी (भूतपूर्व वित्तनियंत्रक) श्री आर के मिश्रा जी (भूतपूर्व सचिव उ प्र शासन), श्री वी यन पांडेय जी(भूतपूर्व अपर जिलाधिकारी) श्री राम कृपाल तिवारी जी, भूतपूर्व सहायक अभियंता, श्री डी एन त्रिपाठी जी,प्रभारी निरीक्षक (भू पू), श्री राधेश्याम यादव जी,(समीक्षाधिकारी,उ प्र शासन), विश्वजीत पाठक जी (प्रबंधक ग्रामीण बैंक) की गरिमामय उपस्थिति सेआयोजन की भव्यता और गरिमा शिखर को छू रही थी।
उक्त आयोजन में अतिउत्साह के साथ शामिल होकर उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़,राजस्थानआदि राज्यों से सौ से अधिक कवियों,कवयित्रियों ने उत्साह के साथ श्री सीताराम जी पर केंद्रित अपनी अपनी काव्य आहुति देकर प्रभु का गुणगान किया।
तीन सत्रों में संपन्न हुए आयोजन की शुरुआत प्रथम सत्र में माँ सरस्वती और प्रभु श्री राम जी के सम्मुख महन्त कमल नयन दास महन्त मिथिलेश नंदिनी शरण, महन्त रामकुमार दास, श्रीमती भावना तिवारी डॉ अरविंद श्रीवास्तव असीम, डॉ रमाकांत त्रिपाठी, डॉ मधुकर राव लारोकर संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी जी, आशुकवि राम निवास तिवारी जी,डॉ विनोद मिश्रा, श्रीमती आशा शैली, दीपचंद्र गुप्ता , आनंद श्रीवास्तव आदि अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन माल्यार्पण के साथ हुआ।तत्पश्चात माँ वीणापाणि की वंदना आ सीमा शर्मा मंजरी (मेरठ) द्वारा किया गया।
तदोपरांत श्री संतोष पाण्डेय जी,अयोध्या द्वारा अपनी टीम के साथ श्री रामधुन और श्री राम जी का वंदन गान किया गया।श्रीसीताराम जी पर वरिष्ठ साहित्यकारों डा. अरविंद श्रीवास्तव असीम, प्रदीप मिश्र 'अजनबी' जी भुलक्कड़ बनारसी, गिरीश पाण्डेय, सुधीर श्रीवास्तव, डा. मधुकर राव लारोकर जी द्वारा संक्षिप्त व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
स्वागत गीत वरिष्ठ कवि साहित्यकार संतोष विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा।
प्रथम सत्र का संचालन डॉ रमाकांत त्रिपाठी'रमन' द्वारा संपन्न कराया गया।
दूसरे चरण में राम जी पर केंद्रित काव्य पाठ का चरणबद्ध ढंग से संपादित कराने की रुपरेखा बनाई गई है। इस बृहद सत्र के संचालन का दायित्व समयानुसार श्रेष्ठ मंच संचालको द्वारा संचालित किया जाएगा जिसमें
आ आनंद श्रीवास्तव (लखनऊ), श्री दीप चंद्र गुप्ता जी, (फतेहपुर),आ सरिता सिंह जी (गोरखपुर), आ श्री विशू आनंद जी( बीकानेर),आ. गीत बाबू 'घायल' (भोपाल), आ श्री राजीव रंजन मिश्र (गोरखपुर),आ कात्यायनी उपाध्याय(अयोध्या) के संचालन में वरिष्ठ कवि/कवयित्रियों डा. अरविंद श्रीवास्तव असीम, कुसुम सिंह "अविचल", आशा शैली, सुधीर श्रीवास्तव, राजेश्वरी जोशी, डा. मंत्र तिवारी, प्रेमलता रसबिंदू, प्रदीप मिश्र'अजनबी', डा. मधुकर राव लारोकर, श्रीकांत तैलंग, डा.उषा श्रीवास्तव, डा. शशि जायसवाल, भुलक्कड़ बनारसी, गिरीश पाण्डेय दुर्गेश दुर्लभ, डॉ स्वदेश मल्होत्रा जी (रश्मि), सुनीता श्रीवास्तव, अनुराधा प्रियदर्शिनी ममताप्रीति श्रीवास्तव, बृजबाला श्रीवास्तव सुमन,अर्चना द्विवेदी, अयोध्या प्रसाद पाण्डेय "अप्र" बस्तवी, कात्यायिनी उपाध्याय, श्वेता दूहन देशवाल, विनीता कुशवाहा महक गोण्डवी, राजेश श्रीवास्तव "राज", श्रीमती ऊषा श्रीवास्तव "ऊषा राज", पूनम श्रीवास्तव, पल्लवी देव उत्तम शर्मा स्वच्छंद शिवाजी सेन गोल्ड, डॉ शिवानी शिवी, आ सुनीता पाठक आभार, कीर्ति मिश्रा रवि शंकर भट्ट, आ अलका गुप्ता, शीतल शैलेन्द्र देवयानी, डा. नेहा इलाहाबादी, आनंद भट्ट आकुल, राजेश प्रजापति, श्री तारकेश्वर मिश्र, मनोरमा मिश्रा, विपिन त्रिपाठी, रमेश चंद्रा, डा. कनक लता गौर, प्रखर यादव,अभय कुमार श्रीवास्तव, प्रभात राजपूत गोण्डा सहित सौ से अधिक कवियों/कवयित्रियों का ने काव्यपाठ किया।लगभग 12 घंटे तक काव्य पाठ का सिलसिला चलता रहा।
आयोजन प्रभारी मतंग जी के बेटे(भाश्वर तिवारी)/बेटी ( कु वीक्षा तिवारी) ने अपने दादा की स्मृति में स्व.श्री पंडित दीनानाथ तिवारी सम्मान डॉ श्री मधुकर राव लारोकर जी (महाराष्ट्र) को व स्व श्रीमती कलावती देवी सम्मान श्रीमती राजेश्वरी जोशी जी उत्तराखंड को विशेष रूप से सम्मानित कर तालियां और सराहना बटोरी।
तृतीय और अंतिम सत्र में में पुस्तकों का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकारों/अतिथियों द्वारा किया गया। विमोचित होने होने वाली पुस्तकों और उनके रचनाकारों की में दो पुस्तकें 'कुछ टुकड़े धूप' के व 'जिंदगी के रंग' (आ. श्रीमती राजेश्वरी जोशी जी, उत्तराखंड), 'कुछ यादें,कुछ बातें'(आ डॉ मधुकर राव लारोकर जी,नागपुर),"श्रीमद्भागवत गीता" (हिंदी पद्यानुवाद) (श्री जुगल किशोर त्रिपाठी जी,झाँसी) के अलावा "श्री राम दोहा संग्रह" व "धूप के रंग"(डॉ आर के मतङ्ग श्री अयोध्या धाम) शामिल हैं।
विमोचन सत्र के संचालन का दायित्व आ डॉ तारकेश्वर मिश्र ''जिज्ञासु" जी (अंबेडकरनगर) संभाला।
पद्मश्री डा. विद्या बिंदू सिंह जी की मंच उपस्थिति अति विशिष्ट रही।
इस अवसर पर आयोजन प्रभारी सशक्त वरिष्ठ कवि डॉ आर के तिवारी मतंग जी और उनकी सहधर्मिणी को उनके वैवाहिक जीवन के रजत जयंती वर्ष पर सभी अतिथियों, कवियों कवयित्रियों ने अपनी शुभकामनाएं आशीर्वाद प्रदान कर मतंग दम्पत्ति के सुखमय जीवन और दीर्घायु होने की कामना की।
कार्यक्रम में पूरे समय राममय वातावरण का अहसास और जय श्री राम के जयघोष से भक्ति मय माहौल के बीच हर किसी में शांति, सामंजस्य और सहयोग का अद्भुत साम्य विशिष्टता का बोध कराने जैसा लगा।
आयोजन में शामिल सभी सम्मानित अतिथियों/कवियों कवयित्रियों को रामनामी, राम दरबार का खूबसूरत चित्र एवं श्री राम भक्त सम्मान देकर सम्मानित किया गया।
आयोजन के अतं में आयोजन प्रभारी डॉ आर. के तिवारी "मतंग" जी द्वारा अपने एक दोहे
"राम चुनरिया ओढ़ के,रामहिं घूँघट डार।
रामहिं माला कर लिए,नाँचूँ बीच बाजार।।
के साथ प्रभु श्रीराम जी को समारोह प्रमुख के रूप में उपस्थित हेतु नमन,आभार करने के साथ आमंत्रित अतिथियों, कवि/कवयित्रियों, सहयोगियों, श्रोताओं और राम भक्तों का आभार धन्यवाद के साथ आयोजन समाप्ति की घोषणा की।
पूर्व उपजिलाधिकारी/वरिष्ठ कवि संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी जी ने समापन गीत पढ़कर आयोजन को पूर्णता प्रदान की।